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त्रेतायुग युग में पुष्पक विमान उतरा था अयोध्या की भूमि पर अब देश विदेश के विमान उतरेंगे यहां के अंतर्राष्ट्रीय एअरपोर्ट पर


सुलतानपुर अयोध्या धाम में तीस दिसम्बर को भले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय एअरपोर्ट का उद्घाटन होगा परन्तु अयोध्या की धरती का वैभवशाली इतिहास रहा है कि यहां पर हजारों साल पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय व अंतर्लोकीय हवाई यात्राएं होती रही हैं। इस विषय पर अधिक प्रकाश डालते हुए दर्शनशास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएट समाजसेवी  डी पी गुप्ता एडवोकेट लिखते हैं कि भगवान राम स्वयं वनवास समाप्ति और लंका विजय के बाद पुष्पक विमान पर सवार होकर हवाई मार्ग से ही अयोध्या आये थे। हजारों साल पहले जब दुनिया हवाई जहाज की कल्पना नहीं कर सकती थी तब सनातन हिन्दू धर्म के ग्रंथ में पुष्पक विमान होने का स्पष्ट वर्णन मिलता है। यह विमान चालक के मन से नियंत्रित होता था और इसमें चाहे जितने लोग बैठ जायें इसमें एक सीट हमेशा खाली रहती थी। ग्रंथों में ही वर्णन मिलता है कि महाराज दशरथ इतने पराक्रमी योद्धा थे कि वे स्वर्ग के राजा इंद्र से मिलने जाते थे और जरूरत पड़ने पर देवासुर संग्राम में वे देवताओं की तरफ से युद्ध भी करते थे। राजा दशरथ के पिता राजा अज व माता विदर्भ की राजकुमारी इंदुमती थी। उनका जन्म का नाम "नेमी" था, लेकिन उन्होंने "दशरथ" नाम हासिल कर लिया क्योंकि उनका रथ एक उच्च तकनीक से युक्त ऐसा वाहन था, जो जल थल नभ में दसों दिशाओं में जा सकता था और युद्ध में भी प्रयोग हो सकता था। उनका रथ पृथ्वीलोक से स्वर्गलोक तक यात्रा करने में सक्षम था। भारत सरकार के सराहनीय योगदान से आज अयोध्या धाम में एक अंतर्राष्ट्रीय एअरपोर्ट तैयार है जिससे यह पावन भूमि देश विदेश के साथ सीधे जुड़ जायेगी। इससे जहां आध्यात्मिक यात्राओं में सुगमता होगी वहीं‌ इलाके के पर्यटन व व्यवसायिक विकास में गति मिलेगी।

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