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डीएम की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना-पीएमएफएमई के जनपद स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक हुई आयोजित


सुलतानपुर जिलाधिकारी जसजीत कौर की अध्यक्षता में एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना ‘‘पर मोर ड्राप-माइक्रोइरीगेशन‘‘ प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना-पीएमएफएमई के जनपद स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गयी। बैठक सचिव/जिला उद्यान अधिकारी रणविजय सिंह द्वारा समिति को अवगत कराया गया कि एकीकृत बागवानी विकास योजना को बागवानी क्षेत्र में फल, सब्जियों, प्रकन्द एवं कन्दीय फसलें, मसाले, पुष्प के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के लिये क्रियान्वित किया जा रहा है। यह केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है, जिसमें केन्द्रांश 60 प्रतिशत राज्यांश 40 प्रतिशत के अनुपात में संचालित है।  उद्यान विभाग के अन्तर्गत संचालित योजना में कृषकों का पंजीकरण आनलाइन रजिस्ट्रेशन ‘‘बागवानी पारदर्शी किसान सेवा योजना (dbt.uphorticulture.in)‘‘ पर ‘‘पहले आओ पहले पाओ‘‘ अनुदान का भुगतान डी0बी0टी0/काइन्ड डी0बी0टी0 से लागू है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनान्तर्गत वर्ष 2023-24 में नवीन उद्यान रोपण कार्यक्रम में केला रोपण-80 हे0, पपीता रोपण 5 हे0, आम रोपण-10 हे0, अमरूद रोपण 15 हे0, लाइम एण्ड लेमन-4 हे0, बेल फूट-4 हे0, जैक फूट (कटहल)-05 हे0, स्ट्राबेरी-4 हे0, फालसा-02 हे0, शाकभाजी कार्यक्रम-150 हे0, मशाला कार्यक्रम प्याज-50 हे0 एवं पुष्प की खेती (गेंदा)-25 हे0, पुराने बागों का जीर्णोद्धार/कैनोपी मैनेजमेंट-4 हे0 का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। बागवानी में मशीनीकरण के अन्तर्गत ट्रैक्टर <20 bhp-4 तथा पावर टीलर <8 एचपी-4 व पावर टीलर > 8 एचपी-6 का लक्ष्य है।  माइक्रोइरीगेशन योजनान्तर्गत जनपद को कुल 1881 हे० का लक्ष्य प्राप्त है जिसमें कम्पोनेन्टवार- ड्रिप सिंचाई में 619 हे0 स्प्रिंकलर सिंचाई में 1262 हे0 (जिसमें मिनी स्प्रिंकलर 80 हे0, माइक्रो-स्प्रिंकलर - 72 हे0, पोर्टेबल स्प्रिंकलर 950 हे०, रेनगन स्प्रिंकलर 160 हे0) है। योजनान्तर्गत ड्रिप सिंचाई, मिनी व माइक्रो स्प्रिंक्लर के लिए देय अनुदान में अतिरिक्त राज्यांश (टाप-अप) पूर्व की भांति 35 प्रतिशत निर्धारित किया गया है तथा कम लागतजन्य पोर्टेबल एवं लार्ज वाल्यूम (रेनगन) स्प्रिंकलर हेतु अतिरिक्त राज्यांश 15 प्रतिशत कम करके 20 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। इस प्रकार ड्रिप, मिनी, माइक्रो कार्यक्रम में लघु सीमान्त कृषक को 90 प्रतिशत तथा सामान्य कृषक को 80 प्रतिशत अनुदान व पोर्टेबल/रेनगन स्प्रिंकलर में लघु सीमान्त कृषक को 75 प्रतिशत तथा सामान्य कृषकको 65 प्रतिशत अनुदान देय है। कृषक अश एवं जी०एस०टी० कृषक द्वारा स्वयं व्यय किया जायेगा। योजनान्तर्गत इस वर्षे नवीन व्यवस्था लागू की गयी है, जिसमें उद्यान विभाग उत्तर प्रदेश एवं गुजरात ग्रीन रिवोल्यूशन कम्पनी (जीजीआरसी) के मध्य एम०ओ०यू० किया गया है।   नई व्यवस्था के तहत upmip पोर्टल जुलाई के अन्तिम सप्ताह में लांच किया गया है। जिस पर पंजीकरण कर इच्छुक कृषक योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। कृषकों के चयन की प्रक्रिया प्रथम आवक-प्रथम पावक के सिद्धात पर होगी। जनपद में कार्य करने हेतु दो फर्मों नामित की गयीहै, जिसमें मेसर्स पीपीपी इन्डस्ट्रीज प्राइवेज लिमिटेड, भुवनेश्वर, उड़ीसा तथा मेसर्स सीतल संस, अम्बाला कैंट, हरियाणा है। 

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