UPTET के 6.60 लाख लोगों के लिए राहत भरी खबर
बीएड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसला से देशभर के बीएड उम्मीदवारों के लिए झटका माना जा रहा है।लेकिन उत्तर प्रदेश एलिजिबिलिटी टेस्ट (UTET)-2021 पास करने वाले 6.60 लाख लोगों के लिए राहत लेकर आया है। अदालत ने राजस्थान सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा है कि केवल डिप्लोमा इनएलीमेंट्री एजुकेशन (D.EI.Ed) सर्टिफिकेट धारक ही प्राइमरी ग्रेड शिक्षक बनने के योग्य होंगे। फैसले से 6.60 लाख लोगों को उनके UPTET सर्टिफिकेट प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है जिनका वितरण मामला विचाराधीन होने के कारण रोक दिया गया था।UPTET-2021 इस साल 23 जनवरी को आयोजित किया गया था और इसका रिजल्ट 8 अप्रैल को घोषित किए गए थे। UPTET की प्राइमरी और अपर प्राइमरी लेवल की परीक्षा में कुल 6,60,592 उम्मीदवार सफल घोषित किए गए थे। प्राइमरी लेवल की परीक्षा देने वाले 11,47,090 में से 6.91 लाख से अधिक बी.एड डिग्री धारक थे और 4.55 अन्य डी.एल.एड सर्टिफिकेट धारक थे। परीक्षा नियामक प्राधिकरण के रिकॉर्ड के अनुसार, 2.20 लाख बीएड उम्मीदवार और 2.23 लाख डी.एल.एड उम्मीदवार सफल घोषित किए गए थे।इसी तरह अपर प्राइमरी लेवल की परीक्षा देने वाले 7,65,921 में से 2,16,994 (28.33%) को उत्तीर्ण घोषित किया गया।UPTET सर्टिफिकेटों के वितरण से पहले कुछ D.El.Ed उम्मीदवारों ने राजस्थान हाई कोर्ट के बीएड धारकों को प्राइमरी विद्यालय में पढ़ाने के लिए अयोग्य ठहराने के फैसले के आधार पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की और अनुरोध किया कि वे सर्टिफिकेट नहीं दिए जाएंगे।इसके बाद प्रयागराज मुख्यालय परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने अदालत का फैसला आने तक सर्टिफिकेट वितरण स्थगित कर दिया था। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर विवाद सुलझाते हुए फैसला सुनाया जिसमें राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। हालांकि ईआरए अधिकारियों ने कहा कि भले ही शीर्ष अदालत ने बीएड धारकों को प्राइमरी लेवल के टीचिंग से बाहर कर दिया हो लेकिन सभी योग्य उम्मीदवारों को UPTET सर्टिफिकेट दिए जाएंगे.D.El.Ed प्राइमरी और अपर प्राइमरी विद्यालयों में शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए दो साल का डिप्लोमा प्रोग्राम है।वर्तमान में यह पाठ्यक्रम लगभग 3,000 निजी कॉलेजों, 67 सरकारी संचालित जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों और उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक शिक्षक शिक्षा कॉलेज द्वारा पेश किया जाता है।
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