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डीएम की अध्यक्षता में राज्य पोषण मिशन के अर्न्तगत जिला पोषण/कन्वर्जेंस/निगरानी समिति की बैठक हुई आयोजित


सुलतानपुर।जिलाधिकारी रवीश गुप्ता की अध्यक्षता में राज्य पोषण मिशन के अर्न्तगत जिला पोषण/कन्वर्जेंस/निगरानी समिति की बैठक  प्रेरणा सभागार, विकास भवन में कन्वर्जेन्स समिति के सभी सदस्यों की उपस्थिति में आयोजित की गयी। जिला कार्यक्रम अधिकारी  रवीश्वर कुमार राव द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद को ग्रोथ मानिटरिंग डिवाइस कुल 1879 इन्फेन्ट वेंईग स्केल, 2511 स्टेडियोमीटर आगनबाडी केन्द्रों को प्राप्त हो गये हैं। जिसका उपयोग आगनबाडी केन्द्रों के लाभार्थियों के वजन करने एवं कुपोषित/अतिकुपोषित चिन्हाकन हेतु किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में  सभी सीडीपीओ एवं मुख्य सेविकाओं श्रीमती अनीता, मण्डलीय समन्वयक, यूनीसेफ द्वारा प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पोषण पखवाडा अर्न्तगत की जाने वाली गतिविधियों हेतु निर्धारित कलैण्डर के अनुसार जनपद में कुल 87683 गुणवत्तापूर्ण गतिविधियों का आयोजन किया गया तथा प्रतिदिन की गतिविधियों को भारत सरकार द्वारा विकसित पोर्टल http:poshanabhiyan.gov.in पर दैनिक  आधार पर अपलोड भी किया गया है, जिसमें पूरे प्रदेश में जनपद 11 वें स्थान पर रहा। पोषण अभियान का शुभारम्भ माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार के लक्ष्य हेतु किया गया है। पोषण अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जन-आन्दोलन और महिलाओं में पोषण के स्तर में सुधार के उद्देश्य हेतु दिनांक 21 मार्च, 2022 से 04 अप्रैल 2022 के मध्य पोषण पखवाड़ा मनाया गया।   पोषण पखवाड़ा का आयोजन सम्बन्धित विभागों के कन्वर्जेन्स से किया जाता है। दिनॉंकः 21 से 27 मार्च के मध्य  06 वर्ष की आयु से कम बच्चों (पंजीकृत लाभार्थी) का वजन एवं लम्बाई/उंचाई लेते हुये पोषण टैªकर ऐप पर अंकित किया जाना तथा पोषण पखवाड़ा के द्वितीय सप्ताह दिनांक 28 मार्च से 04 अप्रैल 2022 के मध्य लैंगिंक संवेदनशीलता और जल प्रबन्धन, एनीमिया रोकथाम एवं रोकथाम एवं प्रबन्धन तथा स्वस्थ्य मां एवं बच्चे हेतु स्थानीय साग-सब्जियों  के प्रयोग का प्रोत्साहन विषयों पर जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया।इस सम्बन्ध में दिनांक 31 मार्च 2022 को मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक वेबिनार का भी आयोजन किया गया, जिसमें 30 मार्च 2022 किशोरी बालिका गर्भवती महिला एवं धात्री महिलाओं में एनीमिया की रोकथाम व उपचार जागरूकता कैंप का आयोजन, संस्थागत स्तर पर कार्यक्रम शहरी/स्लम स्तर पर एनीमिया की जागरूकता तथा गतिविधियों तक पहंुच एनीमिया पर जागरूकता के लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद लेना व 31 मार्च 2022 को स्कूल के बच्चों में एनीमिया को रोकना और उपचार के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। सम्बन्धित विषय पर सभी को जागरूक किये जाने के सम्बन्ध में सुझाव दिया गया कि लोग अपने घर मंे पीने हेतु पानी के प्रयोग से पूर्व उसे ठीक प्रकार से उबाल लें फिर ठंडा कर ही प्रयोग में लाये जिससे उसमें घुलनशील बैक्टेरिया नष्ट हो जायें, पानी बचाये जल से ही हमारा जीवन सम्भव है। जल प्रबंधन के लिये रेन वाटर हार्वेस्टिंग का अधिकाधिक प्रयोग किया जाये।  पीने के पानी की सही हैडिंलिग, खराब पानी को सुरक्षित करना, सोलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, होम सेनिटेशन एण्ड फूड हाइजिन, व्यक्तिगत स्वच्छता, घर व बाहर दोनों की स्वच्छता, खुले में  आदि सात कम्पोनेन्ट पर विस्तार से चर्चा की। बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इस सम्बन्ध में  बताया गया कि इस क्षेत्र में प्रयास कर सभी बच्चों को सुबह की एसेम्बली में अनिवार्य रूप से बताया जायेगा। स्वाथ्य विभाग के डीपीएम द्वारा बताया गया कि सैम-मैम के मैनेजमेन्ट के लिये प्रयास करेंगे व वीएचएनडी सत्र पर भी जॉच व सन्दर्भन करायेंगे। माह फरवरी 2022 में 22 व मार्च 2022 में 18 बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र पर सन्दर्भित कर उपचार कराया गया। माह मार्च 2022 तक जनपद सुलतानपुर में 490 पोषण वाटिका की स्थापना की गई है। बाल विकास एवं कन्वर्जेन्स विभागों के सहयोग से 1000 सहजन के पौधे, 300 पौधे आवले के साथ-साथ आईसीआर, केवीके और इफको द्वारा उपलब्ध कराये गये सब्जियों के बीज से जनपद के परियोजनार्न्तगत आगनबाडी केन्द्रों पर चिन्हित अतिकुपोषित परिवार के पास उपलब्ध भूमि पर भी लाभ देने हेतु पोषण वाटिका निर्माण किया गया है। आगनबाडी केेन्द्रों के पंजीकृत लाभार्थियांे यथा गर्भवती/धात्री महिलाएं, 6 माह से 3 वर्ष  व 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों के लिये नवीन अनुपूरक पुष्टाहार वितरण प्रणाली विभाग द्वारा लागू की है।  नवीन अनुपूरक पुष्टाहार वितरण प्रणाली (ड्राई राशन) के अर्न्तगत अनुपूरक पुष्टाहार का वितरण राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (छत्स्ड) द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों   (SHG)   के माध्यम से ग्रामीण परियोजनाओं के कुल 2397 आ0बा0 केन्द्रों नेफेड के माध्यम से शहरी  परियोजना के कुल 114 आ0बा0 केन्द्रों पर किया जा रहा है। आपूर्ति निर्देश के अनुसार 6 माह से 3 वर्ष के 119589, 3 वर्ष से 6 वर्ष 60904, गर्भवती व धात्री महिलाएं 46734 लाभार्थियों को नेफेड द्वारा चना दाल, दलिया, इडिबिल आयल  तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से कोटेदार से प्राप्त चावल आगनबाडी केन्द्रों के द्वारा लाभार्थियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। यूनीसेफ से मण्डलीय कोआर्डिनेटर श्रीमती अनीता द्वारा अवगत कराया गया कि एनआरसी सन्दर्भन हेतु आरबीएसके द्वारा इस माह लम्भुआ, कूरेभार, शहर से कोई बच्चा भर्ती नहीं कराया गया। इस हेतु सभी अधीक्षक रेफर कर एनआरसी में 10 बच्चों की संख्या को सदैव बनाये रखने में सहयोग करें जिससे बच्चे का इलाज कर कुपोषण से मुक्त किया जा सके। इस कार्यक्रम की समीक्षा नियमित रूप से की जाये। टीएसयू के प्रतिनिधि द्वारा माडल वीएचएसएनडी के सम्बन्ध मंे बताया गया कि आशा आगनबाडी के लक्षित कुल 08 सत्रों में 01 सत्र को माडल वीएचएसएनडी बनाने हेतु प्रस्तावित रखा जिसमे आगनबाडी कार्यकत्री द्वारा जीएमडी की उपलब्धता व पोषण कार्नर तैयार किया जाने की अपेक्षा की। जिसे माह अप्रैल से प्रारम्भ किया जाने हेतु प्रस्ताव दिया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 डी0के0 त्रिपाठी, जिला विकास अधिकारी राम उदरेज यादव, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी पन्नालाल, उपायुक्त स्वतःरोजगार, उपायुक्त मनरेगा, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविका, यूनीसेफ से समन्यक अनीता, यूपीटीएसयू से महेन्द्र शुक्ल आदि उपस्थित रहे।

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