संस्थाओं की क्रियाशीलता से कम हुआ मानवाधिकार हनन-शशि कुमार
सुलतानपुर मानवाधिकार उल्लंघनों पर संवैधानिक संस्थाएं त्वरित क्रियाशील होती हैं । इन संस्थानों की क्रियाशीलता के कारण मानवाधिकार हनन की घटनाएं कम हुई हैं । यह बातें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शशि कुमार ने कहीं । वे राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर आयोजित विधिक साक्षरता एवं जागरूकता संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि महिलाएं घर बैठे ही अपनी बात प्राधिकरण तक पहुंचा सकती हैं । उनकी समस्याओं का निशुल्क समाधान कराया जायेगा ।विशिष्ट अतिथि एसडीएम सदर चंद्र प्रकाश पाठक ने कहा कि जबतक हम अपना कर्तव्य सही से नहीं निभायेंगे तब तक मानव अधिकारों पर संकट मंडराता रहेगा ।संगोष्ठी में विषय परावर्तन करते हुए राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.आलोक पाण्डेय ने कहा कि समाज में हाशिए पर रह रहे लोगों को जबतक उनका अधिकार प्राप्त नहीं हो जाता तब तक हम सभ्य समाज नहीं बन सकते ।
अर्थशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर सुनील त्रिपाठी ने कहा कि लोकतंत्र के सफल संचालन में लगे संस्थानों की विश्वसनीयता आज संकट में है । मानव अधिकारों की रक्षा के लिए यह विचारणीय पहलू है । स्थाई लोक अदालत के सदस्य रमेश चंद्र यादव ने कहा कि जनोपयोगी सेवाओं में आई कमी की शिकायत के लिए स्थाई लोक अदालत कायम की गई है ।संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.डी.के त्रिपाठी ने कहा कि मानवाधिकार पर आये संकट के समाधान के लिए चिंतन आवश्यक है । भारतीय संस्कृति में मानवाधिकारों के संरक्षण की बात प्राचीन काल से ही है । सनातन संस्कृति के सूत्रों को अपना कर हम मानवाधिकारों को संरक्षित कर सकते हैं । संगोष्ठी का संचालन संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ अमित तिवारी ने किया ।इस अवसर पर सीओ सिटी राघवेन्द्र चतुर्वेदी, एडवोकेट अमित पांडेय , एसोशिएट प्रोफेसर इन्द्रमणि कुमार , डॉ.रंजना पटेल , डॉ.धीरेन्द्र , ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि , एन एस एस के कार्यक्रमाधिकारी डॉ. हीरालाल यादव , डॉ.नीतू सिंह , डॉ.महमूद आलम , डॉ.विभा सिंह , डॉ. मंजू ठाकुर आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे ।
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