
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के बीच आत्मनिर्भर भारत की पहल की । इस अभियान के तहत पीएम मोदी ने गुरुवार को निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल माइनिंग की नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की. इस दौरान पीएम ने कहा कि भारत कोरोना जैसी आपदा पर रोने वाला देश नहीं है, बल्कि ऐसी आपदाओं को अवसर बनाने वाला देश है. भारत इस कोरोना से लड़ेगा भी और आगे भी बढ़ेगा. इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत होने का सबक दिया है. आत्मनिर्भर भारत का मतलब है कि आयात पर निर्भरता को खत्म करना।आत्मनिर्भर भारत यानि भारत Import पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाएगा।आत्मनिर्भर भारत यानि भारत को Import न करना पड़े, इसके लिए वो अपने ही देश में साधन और संसाधन विकसित करेगा।आज Energy Sector में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, Self Reliant बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है।महीने भर के भीतर ही, हर घोषणा, हर रिफॉर्म्स, चाहे वो Agriculture Sector में हो, चाहे MSMEs के सेक्टर में हो या फिर अब Coal और Mining के Sector में हो, तेज़ी से ज़मीन पर उतर रहे है।ये दिखाता है कि भारत इस Crisis को Opportunity में बदलने के लिए कितना गंभीर है, कितना Committed है।आज हम सिर्फ Commercial Coal Mining के लिए Auction ही Launch नहीं कर रहे हैं, बल्कि Coal Sector को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं।जो देश Coal Reserve के हिसाब से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश हो,जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Producer हो,वो देश Coal का Export नहीं करता बल्कि वो देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Coal Importer हैं।हमारे यहां दशकों से यही स्थिति चल रही थी।
देश के Coal Sector को Captive और Non-captive के जाल में उलझाकर रखा गया था।इसको Competition से बाहर रखा गया था, Transparency की एक बहुत बड़ी समस्या थी।साल 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए।
जिस कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, वो हमने करके दिखाया।ऐसे कदमों के कारण Coal Sector को मजबूती भी मिली।अब भारत ने Coal और Mining के सेक्टर को competition के लिए, capital के लिए, Participation और Technology के लिए, पूरी तरह से खोलने का बहुत बड़ा फैसला लिया है।हमने लक्ष्य रखा है कि साल 2030 तक करीब 100 मिलियन टन Coal को Gasify किया जाए।मुझे बताया गया है कि इसके लिए 4 प्रोजेक्ट्स की पहचान हो चुकी है और इन पर करीब-करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए Invest किए जाएंगे।देश में 16 Aspirational Districts ऐसे हैं, जहां कोयले के बड़े-बड़े भंडार हैं। लेकिन इनका लाभ वहां के लोगों को उतना नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था।
यहां से बड़ी संख्या में हमारे साथी दूर, बड़े शहरों में Employment के लिए Migration करते है।आप अपना विश्वास, अपना हौसला बुलंद रखिए,हम ये कर सकते हैं।
हम आत्मनिर्भर भारत बन सकते हैं।हम आत्मनिर्भर भारत बना सकते हैं।Self Reliant India की जो Journey 130 करोड़ भारतीयों ने शुरु की है, उसमें आप सभी उसके बहुत बड़े भागीदार हैं:
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