आत्मनिर्भर उत्तरप्रदेश रोजगार अभियान'की शुरुआत की प्रधानमंत्री ने
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'आत्मनिर्भर उत्तरप्रदेश रोजगार अभियान'की शुरुआत की। इस मौके परउन्होंने कहा कि हम सभी अगर अपने जीवन के बारे में सोचें तो हमने अनेक उतार और चढ़ाव देखे हैं। हमारे गांव और शहरों में कई तरह की मुश्किलेंआती रहती हैं। कल उत्तर प्रदेश और बिहार में बिजली गिर गई। कई जानें चली गईं। इसलिए मन बहुत दुखी है हम सभी ने अपने व्यक्तिगत जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं।हमारे सामाजिक जीवन में भी, गांव में, शहर में, अलग-अलग तरह की कठिनाइयां आती ही रहती हैं।इसकी एक दवाई हमें पता है।ये दवाई है दो गज की दूरी।ये दवाई है- मुंह ढकना, फेसकवर या गमछे का इस्तेमाल करना।जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बनती, हम इसी दवा से इसे रोक पाएंगे मुझे पूरा विश्वास है कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में, जिस तरह आपदा को अवसर में बदला गया है, जिस तरह वो जी-जान से जुटे हैं, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, वो भी इससे प्रेरणा पाएंगे।आज जब दुनिया में कोरोना का इतना बड़ा संकट है, तब उत्तर प्रदेश ने जो साहस दिखाया, जो सूझबूझ दिखाई, जो सफलता पाई, जिस तरह कोरोना से मोर्चा लिया, जिस तरह स्थितियों को संभाला, वो अभूतपूर्व है, प्रशंसनीय है।चाहे यूपी के डॉक्टर हों, पैरामेडिकल स्टाफ हो, सफाई कर्मचारी हों, पुलिसकर्मी हों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हो, बैंक और पोस्टऑफिस के साथी हों, परिवहन विभाग के साथी हों, श्रमिक साथी हों, हर किसी ने पूरी निष्ठा के साथ अपना योगदान दिया है।उत्तर प्रदेश के प्रयास और उपलब्धियां इसलिए विराट हैं, क्योंकि ये सिर्फ एक राज्य भर नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश दुनिया के कई देशों से बड़ा राज्य है।
इस उपलब्धि को यूपी के लोग खुद महसूस कर रहे हैं, लेकिन आप अगर आंकड़े जानेंगे तो और भी हैरान हो जायेगे।जो मेहनत यूपी की सरकार ने की है, हम कह सकते हैं कि एक प्रकार से अब तक कम से कम 85 हजार लोगों का जीवन बचाने में वो कामयाब हुई है!आज अगर हम अपने नागरिकों का जीवन बचा पा रहे हैं, तो ये भी बहुत संतोष की बात है।
ये सब उस स्थिति में हुआ जब देशभर से करीब 30 लाख से अधिक श्रमिक साथी, कामगार साथी, यूपी में पिछले कुछ हफ्तों में अपने गांव लौटे थे।सैकड़ों श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलवाकर यूपी सरकार ने मुश्किल में फंसे अपने लोगों को वापस बुला लिया था।लॉकडाउन के दौरान, गरीबों को भोजन की दिक्कत न हो, इसके लिए जिस तरह योगी सरकार ने काम किया है, वो भी अभूतपूर्व है।प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत यूपी ने बहुत तेज़ी से गरीबों और गांव लौटे श्रमिक साथियों तक मुफ्त राशन पहुंचाया।जिनके पास राशन कार्ड नहीं था, उनके लिए भी यूपी सरकार ने सरकारी राशन की दुकान के दरवाजे खोल दिए।इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश के सवा तीन करोड़ गरीब महिलाओं के जनधन खाते में लगभग 5 हजार करोड़ रुपए भी सीधे ट्रांफफर किए गए।इसमें से करीब 60 लाख को गांव के विकास से जुड़ी योजनाओं में तो करीब 40 लाख को छोटे उद्योगों यानि MSMEs में रोज़गार दिया जा रहा है।इसके अलावा स्वरोज़गार के लिए हज़ारों उद्यमियों को मुद्रा योजना के तहत करीब 10 हज़ार करोड़ रुपए का ऋण आबंटित किया गया है:अब आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जब पूरे देश में ऐसे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों के क्लस्टर बनाए जा रहे हैं, तब उत्तर प्रदेश को बहुत अधिक लाभ होगा।
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