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इंटरनेट द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

सुलतानपुर।आज वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना वायरस (कोविड -19) ने समस्त संसार को परेशान ही नहीं किया, वरन् अनेक चुनौतियों को लेकर प्रस्तुत हुआ है। भारत भी इस गंभीर संकट से जूझ रहा है । कोविड -19 ने भारत सरकार एवं राज्य सरकारों को अपनी नीतियों में आमूलचूल परिवर्तन लाने हेतु विवश किया है। इस वायरस का व्यापक प्रभाव समाज पर परिलक्षित होने लगा है।  इससे बच्चे ,किशोर, युवा, प्रौढ़ एवं वृद्धजनों पर अलग अलग प्रभाव डाल रहा है, जिससे उनकी शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक,सामाजिक,आर्थिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्तर पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के मजदूरों की घर वापसी से आसन्न भविष्य में एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। सरकारों द्वारा उठाए जा  रहे कदमों का सकारात्मक अथवा नकारात्मक क्या प्रभाव पड़ेगा यह समय सुनिश्चित करेगा?ऑनलाइन क्लास का बच्चों, किशोरों एवं युवा पर  पड़ने वाले सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव अध्ययन के विषय है। इन्हीं तथ्यों के अध्ययन को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय समाजशास्त्रीय परिषद के अनुसंधान समिति 08(RC-08) एवं समाजशास्त्र विभाग, गनपत सहाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सुलतानंपुर के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 30-31 मई, 2020 को दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन जूम क्लाउड मीटिंग के द्वारा होना सुनिश्चित हुआ है।इस ई- सेमिनार का शीर्षक  कोविड-19 महामारी का पूर्वी उत्तर प्रदेश पर प्रभाव : एक सामाजिक अन्वेषण' है।  इस वेबिनार के समन्वयक भारतीय समाजशास्त्रीय परिषद के अनुसंधान समिति-08 के सह संयोजक एवं समाजशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ सीताराम सिंह है । इस राष्ट्रीय वेबिनार में उद्घाटन एवं समापन के अतरिक्त के छः सत्रों में संचालित होगा , जिसमें प्रतिभाग करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विद्वतजनो ने अपना नामांकन करवाया है , जिसमें वो ई सेमिनार के माध्यम से इस गंभीर विषय पर अपनी राय रखेगे जिससे इस चुनौती से बनने वाली समस्याओं से निपटने हेतु केंद्र एवं राज्य सरकार ,समाज एवं शोधकर्ताओं को दिशा मिल सकेगी। इस ई सेमिनार का समय दिन में 10 से 2 बजे के बीच रहेगा।

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