लाखों खर्च होने के बावजूद सूखा पड़ा अमृतसरोवर, पानी को तरस रहे बेजुबान
सुलतानपुर विकास खंड कुड़वार के अधिकांश तालाबों में धूल उड़ रही है। लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए अमृत सरोवर भी गर्मी की तपिश में पानी की राह देख रहे हैं। नतीजा भीषण गर्मी के चलते पशु-पक्षी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। तालाब में पानी भरने के जिम्मेदार लोगों का ध्यान नहीं जा रहा है। कुड़वार विकास क्षेत्र में जल संचयन व गर्मी के दिनों में पशु पक्षियों को पानी पीने के लिए करोडो़ रूपया खर्च कर लगभग 120 तालाब मनरेगा योजना के अन्तर्गत खोदे गए हैं।
जिसमें से कई माडल तालाब भी बनाए गए हैं लेकिन आलम यह है कि सम्बन्धित कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के चलते अधिकांश तालाबों में धूल उड़ रही है।तालाबों के सौन्दरीकरण पर भी अच्छा धन खर्चा किया जा चुका है।कई ग्राम पंचायतों में दो-दो तालाब खोदे गए हैं लेकिन पानी नहीं है।आजादी के अमृत महोत्सव पर क्षेत्र में बने तालाबों में से लगभग दो दर्जन तालाबों को वर्ष 2022-2023में अमृत सरोवर के लिए चयनित किया गया। जिसमें आधा दर्जन क्षेत्र पंचायत व बाकी ग्राम पंचायत के मनरेगा योजना के तहत बनाने का प्रवधान है।जिस पर तीस से लेकर लगभग चालीस लाख रुपए खर्च करना है।तालाब के चारों तरफ इन्टरलाकिंग, बैठने की व्यवस्था, हरियाली के लिए चारों तरफ पेड़, बैरिकेडिंग , पानी भरने के लिए समर्सेबल आदि की व्यवस्था है लेकिन आज तक क्षेत्र में मनरेगा योजना से बनाएं जा रहे अमृत सरोवरों का जीर्णोद्धार नहीं हो सका है। ग्राम पंचायतों में बने तालाबों में पानी भरवाने की व्यवस्था किसको दी गयी है।यह किसी को पता नहीं है। एडीओ पंचायत,प्रधान, सचिव किसी को पता नहीं है कि पानी कैसे भरा जायेगा।एडीओ पंचायत कुड़वार ने बताया कि कोई भी तालाब हमारे समय का बना नहीं है। इसके बारे में बीडीओ व एपीओ मनरेगा बताएंगे कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं। कुड़वार बीडीओ नीलिमा गुप्ता ने कहा कि शीघ्र ही तालाबों में पानी भरवाने की व्यवस्था की जायेगी। वही मनरेगा सेल के एपीओ फोन उठाने से परहेज़ करते रहे।
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