38 देशों के ऊपर से अब नहीं उड़ सकते रूसी विमान
नई दिल्ली अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2 मार्च को अमेरिकी संसद में स्टेट ऑफ द यूनियन स्पीच दी। अपनी स्पीच में बाइडेन ने कहा- 'पुतिन को अंदाजा भी नहीं है कि इन प्रतिबंधों से रूस को कितना नुकसान होगा। पुतिन को युद्ध के मैदान में बढ़त मिल रही है, लेकिन उन्हें लंबे समय तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।'इस वक्त जिस अनुपात में रूस की सेना यूक्रेन पर हावी होती जा रही है, उसी हिसाब से रूस पर प्रतिबंध भी बढ़ते जा रहे हैं। खेल के मैदान से लेकर एयरस्पेस तक, SWIFT से बाहर करने से लेकर अरबपतियों की संपत्ति जब्त करने तक; रूस पर प्रतिबंधों के जरिए दबाव बनाने की कोशिशें जारी हैं।सरकारी और प्राइवेट बैंकों पर लगाए जाने वाले प्रतिबंध से रूस को कितना नुकसान हुआ है, इसे इस बात से समझ सकते हैं कि यूनाइटेड किंगडम में रूस के VTB बैंक के करीब 10.97 लाख करोड़ रुपए सरकार ने जब्त कर लिए हैं।यूके की तरह ही अमेरिकी ने भी रूस की टॉप फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट नोवीकॉम, सोवोकॉम, ओटीक्रिटी के 6.05 लाख करोड़ रुपए जब्त कर लिए हैं। कुल 11 देशों में बड़े पैमाने पर रूसी बैंकों के वित्तीय लेनदेन पर रोक लगाई गई है। वहीं, यूरोपीय देशों में रूस के आधे दर्जन से ज्यादा बैंकों और दूसरी संस्थाओं की संपत्ति जब्त की गई हैं।अब तक बैंकों और बिजनेस पर लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से रूसी रूबल 30% तक टूट चुका है। सिर्फ शॉर्ट टर्म में ही नहीं बल्कि लॉन्ग टर्म में भी इससे रूस की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ने वाला है।SWIFT यानी सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन। यह दुनिया के 200 देशों का एक ऐसा नेटवर्क है, जो करीब 198 से ज्यादा बैंकों के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को ऑपरेट करता है।SWIFT से अलग किए जाने के बाद अब रूसी सेंट्रल बैंक और अन्य प्रतिबंधित बैंक किसी तरह से वित्तीय लेनदेन दूसरे देश के बैंकों से नहीं कर पाएंगे। ऐसे में अब रूस के बिजनेसमैन, सरकारी या प्राइवेट कंपनी या फिर रूसी लोगों को दूसरे देश में सामान खरीदने के बाद बिल पे करने में दिक्कत आएगी। इसका सीधा असर रूस के एक्सपोर्ट-इंपोर्ट पर पड़ेगा।जंग शुरू होने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन समेत दुनिया के 38 देशों ने अपने एयरस्पेस में रूस की फ्लाइट पर बैन लगा दिया। इसके जवाब में रूस ने 36 देशों से हवाई संपर्क तोड़ने का ऐलान किया। 2021 में दुनिया की कुल एयरलाइन में रूस का हिस्सा 6% है।ऐसे में रूसी फ्लाइट पर रोक का सीधा असर रूस के उड्डयन विभाग और वहां की विमानन कंपनियों पर पड़ना तय है। इसके साथ ही रूस एयरलाइन के बेड़े में सबसे ज्यादा बोइंग के 332 और एयरबस के 304 विमान हैं। इन दोनों कंपनियों ने रूस को विमानों के पार्ट्स भेजना बंद कर दिया है। इससे रूस के लिए एयरलाइन ऑपरेट करना मुश्किल होगा। हालांकि, जंग समाप्त होने के कुछ समय बाद ये पाबंदी कुछ देशों से हट सकती है, लेकिन तब तक रूस को लाखों करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका होगा।
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