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सोशल मीडिया यूजर्स रहें सावधान,किसी भी वक्त जेल जाने का रास्ता तय


लखनऊआपकी कोई भी ऐसी पोस्ट, जो सरकार के तय मानकों के विपरीत है। किसी भी वक्त जेल जाने का रास्ता तय कर सकती है। गाजियाबाद में Twitter के खिलाफ पहला केस दर्ज होने के बाद अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय लोग बेशक सकते में आ रहे हैं।लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस एक साल के भीतर ऐसे 1107 मुकदमे दर्ज कर चुकी है। यही नहीं कई मामलों में पोस्ट डालने वालों को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा जा चुका है।सितंबर 2019 में उत्तर प्रदेश में बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने की घटना सामने आई थी। एक तरफ पुलिस इसे लेकर फैले डर को खत्म करने का प्रयास कर रही थी, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर इसे लेकर हर पल नई-नई अफवाहें सामने आ रही थी। तत्कालीन SSP कलानिधि नैथानी ने सोशल मीडिया पर इसकी अफवाह फैलाने वाले तीन युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, जिन्हें दो महीने बाद जमानत मिल पाई थी। इसी तरह नागरिकता संशोधन कानून  को लेकर चल रहे विरोध के दौरान दिसंबर 2019 में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले 5 लोगों को लखनऊ पुलिस ने जेल भेजा था। इसी 11 जून को कोरोना वैक्सीन के बारे में सोशल मीडिया पर फिरोजाबाद के सिरसागंज में एक युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।सोशल मीडिया पर पुलिस किस तरह पैनी नजर रखे हुए है, इसका अंदाजा एक साल के अंदर हुई कार्रवाईयों से पता लगाया जा सकता है। ADG कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि एक जून 2020 से 31 मई 2021 तक सोशल मीडिया पर टिप्पणियों के मामलों में 1107 केस दर्ज किए जा चुके हैं। इसमें अफवाह, गलत जानकारी पर 118 केस दर्ज सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाली पोस्ट पर 366 मुकदमे, आपत्तिजनक पोस्ट,ऑडियो, वीडियो पर 623 केस दर्ज की जा चुकी है।

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