कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए सुबह 9 से शाम 5 बजे तक की लिमिट खत्म
नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे फेज में सरकार ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को शामिल कर लिया है। सोमवार से शुरू हुए इस फेज में पहले सरकारी योजनाओं से जुड़े 10,000 प्राइवेट अस्पताल ही शामिल किए गए थे। वैक्सीनेशन शुरू होने के एक दिन बाद ही यानी मंगलवार को सरकार ने इसका दायरा बढ़ा दिया। साथ ही कहा है कि कोरोना वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए सुबह 9 से शाम 5 बजे तक की लिमिट खत्म कर दी है। यानि अब निजी अस्पताल किसी भी समय टीका लगा सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि अगर वैक्सीन लगवाने वाले को कोई आपत्ति न हो तो अस्पताल शाम 5 बजे के बाद भी वैक्सीनेशन कर सकते हैं। वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या बढ़ने पर राज्य सरकारें सरकारी अस्पतालों में भी दिन-रात वैक्सीनेशन जारी रखने का फैसला ले सकती हैं।केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना , सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम और स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में शामिल सभी प्राइवेट अस्पतालों की क्षमताओं का वैक्सीनेशन के लिए ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। जो प्राइवेट अस्पताल इन तीन योजनाओं में शामिल नहीं हैं, उन्हें भी वैक्सीनेशन सेंटर शुरू करने की इजाजत होगी बशर्ते उनके पास कोरोना के टीकाकरण से जुड़ी सभी सुविधाएं हों।केंद्र ने राज्यों से यह भी कहा है कि कोरोना वैक्सीन को स्टोर नहीं करें और वैक्सीनेशन सेंटर्स को पूरी सप्लाई दें, क्योंकि केंद्र के पास वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। इसलिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को जितनी जरूरत हो, उतनी वैक्सीन मुहैया करवाएं।
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