मनरेगा योजनांतर्गत खुदवाए गए तालाबों में होगा मछली पालन
अमेठी। जिलाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि गत वर्ष कोरोना काल के दौरान मनरेगा योजना अंतर्गत जनपद तथा प्रदेश के बाहर से आए हुए 18534 प्रवासी श्रमिकों की सहायता से खुदवाए गए तालाबों को अब मछली पालन हेतु पट्टे पर दिए जाएंगे, इससे न सिर्फ किसानों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि उनकी आय भी दोगुनी होगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए राजस्व विभाग द्वारा कारवाई की जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि समान्यतः कृषकों द्वारा लगभग 1 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं, धान, गन्ना आदि फसलों के उत्पादन पर लगभग रुपये 90 हजार से सवा लाख तक वार्षिक लाभ होता है जबकि इतनी ही भूमि पर तालाब में मछली पालन कर कृषकों की वार्षिक आमदनी लगभग ढाई लाख रुपये तक हो सकती है। उन्होंने बताया कि शासन की नीति के अनुसार 0.20 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाले तालाबों पर राजस्व विभाग द्वारा मत्स्य पालन हेतु पट्टा किए जाने का प्रावधान है। मत्स्य पालन से किसानों को रोजगार मिलेगा साथ ही उनकी आय भी दोगुनी होगी। उन्होंने बताया कि जनपद में गत वर्ष 2100 तालाबों को चिन्हित कर मनरेगा योजना अंतर्गत खुदवाने का लक्ष्य तय किया गया था, तत्पश्चात अतिक्रमित तालाबों को राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराया गया, विवादरहित एवं अतिक्रमण मुक्त तालाबों को कोविड-19 महामारी के दौरान जनपद तथा प्रदेश के बाहर से आए हुए प्रवासी श्रमिकों के सहयोग से खुदवाया गया। जिसके सापेक्ष अब तक 1591 तालाबों की खुदाई का कार्य पूर्ण हो गया है, पूर्ण हुए तालाबों में से मत्स्य पालन हेतु राजस्व विभाग द्वारा 0.20 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल के 729 तालाबों को चिन्हित करते हुए लाभार्थियों को पट्टा देने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि अब तक राजस्व विभाग द्वारा 114 लाभार्थियों को मत्स्य पालन हेतु पट्टा आवंटित कर दिया गया है।
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