बुनियादी शिक्षा को बेहतर बनाएगी नई शिक्षा नीति
डायट में शुरू हुआ चार दिवसीय वेबीनार कार्यक्रम
सुल्तानपुर।जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान(डॉयट) में शनिवार को चार दिवसीय वेबीनार का शुभारंभ हुआ ।राष्ट्रीय शिक्षा नीति के इस आयोजन में देश के विभिन्न जनपदों के शिक्षा विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। इस शिक्षा नीति में बुनियादी साक्षरता ,ड्रॉपआउट बच्चों की समस्या ,समतामूलक एवं समावेशी शिक्षा के साथ-साथ स्कूल कांप्लेक्स के माध्यम से प्रभावी प्रशासन पर चर्चा की गई ।वेबीनार का शुभारंभ करते हुए डायट के प्रचार धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि यह शिक्षा नीति एक विशेष विस्तृत एवं बेहतर शिक्षा नीति है जो प्राथमिक शिक्षा से उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न प्रावधानों परिवर्तन कर दिया गया है उन्होंने उदाहरण दिया "जैसे शिक्षा को समग्र शिक्षा (स्कूल कांप्लेक्स) शिक्षकों की चयन प्रक्रिया आदि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के शोध प्रवक्ता डॉ प्रदीप जायसवाल ने कहा कि यह शिक्षा नीति बुनियादी शिक्षा को बेहतर बनाने की बात करती है और शारदा कार्यक्रम के माध्यम से वर्तमान में ड्रॉपआउट बच्चों का चिन्हीकरण एवं नामांकन करा कर उन्हें शिक्षा की मूल धारा से वापस जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है ।काशी विश्व हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय की असिस्टेंट प्रोफेसर विनीता ने कहा कि इस शिक्षा नीति में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिएस मतामूलक प्रावधान किए गए हैं तथा दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए समावेशी शिक्षा संबंधी प्रावधान किए गए हैं। जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रवक्ता शशांक शेखर ने कहा कि इस शिक्षा नीति में बुनियादी शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए इस शिक्षा नीति में स्कूल कांप्लेक्स /क्लस्टर की आवश्यकता तथा उसके प्रभाव प्रशासन पर प्रावधान किए गए हैं।इसे स्कूल कांप्लेक्स के माध्यम से हम छात्रों के नामांकन एवं ठहराव बढ़ाकर समग्र शिक्षा अभियान को बेहतर बना सकते हैं ।वेबिनार कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता प्रदीप जायसवाल(प्रवक्ता शोध) राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद ,
विशिष्ट वक्ता विनीता असिस्टेंट प्रोफेसर-शिक्षा संकाय बीएचयू ने भी अपने विचार रखें। इस कार्यक्रम में सुल्तानपुर एवं अमेठी जनपद के एस.आर.जी, ए.आर.पी ,शिक्षकगण एवं तथा निजी संस्थानों के सक्रिय सहभागिता निभाई ।इस कार्यक्रम का संचालन डॉ● हरिओम त्रिपाठी ,पंकज यादव एवं प्रियंका सिंह द्वारा तकनीकी सहयोग चतुर्वेदी एवं विजय कुमार तथा प्रसारण सहयोग मनीष कुमार तिवारी द्वारा किया गया
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